Sunday, December 16, 2012

माननीय राजस्थान सूचना आयुक्त आदेश



स्वायत्त शासन विभाग, जयपुर




अतिक्रमण की पत्रावली संख्या 163/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार

सन् १९७४ में राज्य सरकार व्दारा चलाये गये अभियान में दिनांक २१-०८-१९७१ के पूर्व के अतिक्रमणों को केवल कब्जे को आधार मानते हुये नियमन

करने के निर्देश पालिका को दिये गये। हकमा पुत्र भावाजी सुथार का उक्त भूखंड पर कब्जा राज्य सरकार व्दारा निर्धारित दिनांक २१-०८-१९७१ से पूर्व का अतिक्रमण

होने के कारण राज्य सरकार व्दारा दिये गये निर्देशों के अनुसार उक्त भूखंड का नियमन हकमा पुत्र भावाजी सुथार के नाम से करने के लिए हकमा पुत्र भावाजी

सुथार को नोटिस क्रमांक ११५ दिनांक २७-०६-१९७४ व नोटिस क्रमांक ९२६ दिनांक ०८-०७-१९७४ जारी किये गये।


प्रकरण संख्या 113/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार


श्रीमान् सिविल न्यायाधीश महोदय (व०ख०) भीनमाल











माननीय राजस्थान मुख्य सूचना के आदेश की पालना कराते हुये गयाब पत्रावलियों को पुन:बनाना, गायब करने वाले दोषी कर्मचारी के विरूद्ध पुलिस थाना

श्रीमान जिला कलेक्टर महोदय,
जालोर

विषय:- माननीय राजस्थान मुख्य सूचना के आदेश की पालना कराते हुये गयाब पत्रावलियों को पुन:बनाना, गायब करने वाले दोषी कर्मचारी के विरूद्ध पुलिस थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करना एवं सिविद वाद के विचारा‍धीन होने व स्थगन आदेश विधमान होने के कारण जारी किया गया पट्टा को निरस्त (खारिज) कराने बाबत्।

मान्वरजी,
    उपरोक्त विषयान्तर्गत प्रार्थी रमेश कुमार सुथार निवासी-भीनमाल, जिला-जालोर (राज०) का निम्नलिखित निवेदन है कि-
१) यह है कि नगर पालिका भीनमाल की सीमा में हाई स्कूल रोड पर, महेश्वर महादेव मंदिर के पास, प्रार्थी के दादाजी श्री हकमा पुत्र भावाजी सुथार का पुश्तैनी व भाई बंट में मिला एक भूखंड आया हुआ है। जिसके अतिक्रमण की पत्रावली संख्या 163/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार नगर पालिका मंडल, भीनमाल में विचाराधीन है।

२) यह है हकमा पुत्र भावाजी सुथार के उक्त पुश्तैनी भूखंड के उत्तर दिशा में चौक, जलदाय विभाग का हैड पम्प व ११ फीट चौडी गुजर गली है जिसके सम्बन्ध में प्रकरण संख्या 34/91-92 हकमा पुत्र भावाजी सुथार नगर पालिका मंडल भीनमाल में विचाराधीन है। दक्षिण दिशा में हकमाजी के बडे भाई श्री प्रतापा पुत्र भावाजी सुथार के बंट में आया हुआ भूखंड आया हुआ है तथा हकमाजी ने प्रतापाजी व अपने भूखंड के बीच में एक पक्की दीवार का निर्माण कराया हुआ है। जिसके सम्बन्ध प्रकरण संख्या 113/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार नगर पालिका मंडल, भीनमाल में दर्ज है। पूर्व दिशा में नगर पालिका कर्मचारी मोहनलालजी चौहान के चचेरे भाईयों का प्लोट आया हुआ है। तथा पश्चिम दिशा में मुख्य सडक जो महावीर चौहाराय से बागौडा जाने है।

३) यह है कि सन् १९७४ में राज्य सरकार व्दारा चलाये गये अभियान में दिनांक २१-०८-१९७१ के पूर्व के अतिक्रमणों को केवल कब्जे को आधार मानते हुये नियमन करने के निर्देश पालिका को दिये गये। हकमा पुत्र भावाजी सुथार का उक्त भूखंड पर कब्जा राज्य सरकार व्दारा निर्धारित दिनांक २१-०८-१९७१ से पूर्व का अतिक्रमण होने के कारण राज्य सरकार व्दारा दिये गये निर्देशों के अनुसार उक्त भूखंड का नियमन हकमा पुत्र भावाजी सुथार के नाम से करने के लिए हकमा पुत्र भावाजी सुथार को नोटिस क्रमांक ११५ दिनांक २७-०६-१९७४ व नोटिस क्रमांक ९२६ दिनांक ०८-०७-१९७४ जारी किये गये।

४) यह है कि प्रकरण संख्या 113/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार व नियमन की पत्रावली संख्या 163/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार, उक्त दोनों नोटिसों से स्पष्ट होता है प्रकरण संख्या 163/68 में सन् १९६८ से सन् १९७४ तक नगर पालिक मंडल, भीनमाल व्दारा कार्यवाही की गई है।

५) यह है कि उक्त अभियान के तहत ही राजस्थान सरकार मुख्य सचिव का पत्रांक F-8/DH/79 दिनांक 19-09-1981 के व्दारा दिये गये आदेश पर दिनांक 19-10-1981 को प्रकरण संख्या 163/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार के भूखंड का भौतिक सत्यापन कर मौके पर ही उक्त पत्र के भेजा गया प्रपत्र-२ भरा गया।

६) यह है कि मोहनलालजी चौहान ने अपने सरकारी पद का दुरूपयोग कर अपने चचेरे भाईयों को लाभ पहुचाने के उदेश्य से हकमा पुत्र भावाजी सुथार का सर्वे रजिस्टर में गलत व भ्रमित करने वाला इन्द्राज किया गया है। हकमा पुत्र भावाजी सुथार के भूखंड के उत्तर दिशा में आई ११ फीट चौडी गुजर गली को ३०-४० फीट चौडी करने के लिए हकमाजी भूखंड की चौडाई ८० के स्थान पर ४२ फीट दर्ज कर दी। उक्त भूखंड पर हकमाजी व उनके दोनों पुत्र भूरारामजी व टीकारामजी का सामील कब्जा और निवास था जिसको भ्रमित करने के लिए सन् १९८१ के सर्वे रजिस्टर में अतिक्रमी के कॉलम में हकमाजी के बडे बेटे भूरारामजी का नाम दर्ज किया और सर्वे रजिस्टर के Designation or Profession के कॉलम संख्या १५ में सामील शब्द लिखा गया। जबकि शेष सभी प्रविष्टियों में इसी कॉलम Designation or Profession के कॉलम संख्या १५ में संमंधित अतिक्रमी का पद का नाम या उसके व्यवसाय का नाम दर्ज किया गया है। सर्वे रजिस्टर कुल ११६३ प्रविष्टियों दर्ज है। तथा सन् १९८१ के सर्वे रजिस्टर में अतिक्रमण १५ साल पुराना दर्ज किया है यानि १९६६ से उक्त भूखंड पर अतिक्रम किया गया है। जबकि नगर पालिका भीनमाल के प्रकरण संख्या 113/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार व नियमन की पत्रावली संख्या 163/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार तथा उक्त नोटिस क्रमांक ११५ दिनांक २७-०६-१९७४ व नोटिस क्रमांक ९२६ दिनांक ०८-०७-१९७४ तथा नगर पालिका मंडल के प्रकरण संख्या 34/91-92 हकमा पुत्र भावाजी सुथार से स्पष्ट हो जाता है कि उक्त भूखंड पर 163/68 में सन् १९६८ से सन् १९९२ तक हकमा पुत्र भावाजी सुथार का कब्जा रहा है।

७) यह है कि नगर पालिका मंडल के कर्मचारियों व्दारा पत्रावली संख्या 113/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार व नियमन की पत्रावली संख्या 163/68 हकमा पुत्र भावाजी सुथार को नगर पालिका मंडल, भीनमाल के कार्यालय में से गायब कर इस बात को साबित करने की कोशिश कर रहे है कि उक्त भूखंड पर सन् १९६६ से सिर्फ भूराराम पुत्र हकमाजी सुथार का ही कब्जा रहा है। जबकि उक्त दस्तावेजों से भलिभांति स्पष्ट हो जाता है कि उक्त भूखंड पर 163/68 में सन् १९६८ से सन् १९९२ तक हकमा पुत्र भावाजी सुथार का कब्जा रहा है। श्रीमान् सिविल न्यायाधीश महोदय (व०ख) भीनमाल व्दारा दीवानी विविध प्रकरण संख्या 11/2006 में दिनांक २५-०७-२०११ को दिये गये निर्णय में श्रीमान सिविल न्यायाधीश महोदय (व०ख०) भीनमाल ने विवेचन तथा पत्रावली पर मौजुदा तथ्यों एवं दस्तावेजीय साक्ष्य के अनुसार उक्त भूखंड हकमा पुत्र भावाजी सुथार का पुश्तैनी एवं सन् १९६८ में भाई बंट में मिला है।

८) यह है कि सन् १९८१ के सर्वे रजिस्टर को लेकर नगर पालिका मंडल, भीनमाल का मानना है कि सर्वे टीम व्दारा लोगों से मिलकर गलत सर्वे किया गया है। ऐसा होना भी स्वभाविक है क्योंकि सर्वे करने से पहले अतिक्रमीयों को किसी प्रकार की सूचना या नोटिस सर्वे टीम व्दारा नहीं दिये गये थे।

९) यह है कि एक तरफ सन् १९८१ का सर्वे रजिस्टर है, जिसके बारे में स्वयं नगर पालिका मंडल भीनमाल का मानना है कि सर्वे टीम ने लोगों से मिलकर गलत सर्वे किया है। तथा दूसरी तरफ उक्त तथ्यों एवं दस्तावेजीय साक्ष्य से भलिभांति स्पष्ट हो रहा है कि उक्त भूखंड हकमा पुत्र भावाजी सुथार पुश्तैनी एवं सन् १९६८ में हकमा पुत्र भावाजी सुथार को भाई बंट में मिला है।

१०) यह है कि नगर पालिका मंडल भीनमाल यह सब कुछ जानते हुये एवं श्रीमान अपर जिला एवं सैशन महोदय भीनमाल व्दारा उक्त भूखंड के पट्टा की कार्यवाही यथास्थित रखने के आदेश नगर पालिका मंडल भीनमाल दिया जाने के बावजूद जानबूझ कर न्यायिक आदेश का उल्लंघन कर प्रार्थी के हीत को मारते हुये हकमा पुत्र भावाजी सुथार के बडे बेटे भूरारामजी की बेवा के नाम पट्टा जारी कर दिया।

११) यह है कि श्रीमती सूबटी देवी बेवा भूराराम पुत्र हकमाजी सुथार के नाम पट्टा जारी करने के लिए नगर पालिका मंडल भीनमाल व्दारा निम्न अपराधीक कर्त्य किये है-
    १) नगर पालिका मंडल भीनमाल में संघारित पत्रावलियों को नगर पालिका मंडल से गायब कर हकमा पुत्र भावाजी सुथार के पक्ष के सबुतों को

मिटाया गया है।
    २) नगर पालिका मंडल भीनमाल में से एक पत्राव‍ली में से दस्तावेज निकालकर दूसरी पत्रावली में डाल दिये।
    ३) पत्रावली में से कुछ दस्तावेजों को निकाल दिया गया।
    ४) न्यायिक आदेश का उल्लघन किया गया।
    ५) वाणिज्य उपयोग में आने वाले भूखंड का आवासीय उपयोग बताकर पट्टा जारी कर पालिका को आर्थिक हानी पहुचाई गई।
   

    अत: श्रीमान को निवेदन है कि माननीय राजस्थान सूचना आयुक्त आदेश की पालना कराते हुये नगर पालिका मंडल से गायब पत्रावली को पुन: बनवाने, उक्त भूमि का विधिवत बंटवारा का सिविल वाद न्यायालय में विचाराधीन होने व स्थगन आदेश विधमान रहते हूये नगर पालिका व्दारा दिया गया पट्टा निरस्त कराने एवं नगर पालिका मंडल भीनमाल में से पत्रावलियों गायब करने वाले दोषी कर्मचारी के विरूद्ध पुलिस थाना में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश फरमावें।

प्रार्थी

रमेश कुमार सुथार